उत्तराखंड सरकार आय संसाधन बढ़ाने के लिए प्रयासरत है लेकिन वन ऊर्जा और सिंचाई विभाग जैसे कुछ विभाग इस मामले में पिछड़ रहे हैं। वन विभाग का राजस्व लक्ष्य 710 करोड़ रुपये था लेकिन केवल 574 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई जबकि ऊर्जा विभाग के कर राजस्व का लक्ष्य 550 करोड़ रुपये था लेकिन केवल 365 करोड़ रुपये मिले ।
प्रदेश में आय संसाधन बढ़ाने पर पूरा जोर लगा रही सरकार को अपने ही कुछ विभागों का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इनमें वन, ऊर्जा और सिंचाई विभाग सम्मिलित हैं। वन उत्पादों से होने वाली आय में वृद्धि नहीं हो पा रही है, जबकि इसमें राजस्व की अच्छी संभावना आंकी जाती है।
इसी प्रकार कर और करेत्तर राजस्व में ऊर्जा विभाग का योगदान अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इन विभागों से आय बढ़ाने के लिए कार्ययोजना मांगी गई है।
प्रदेश में विकास और पूंजीगत कार्यों पर खर्च बढ़ाने के लिए सरकार आय के अपने संसाधनों को बढ़ा रही है। कर और करेत्तर राजस्व बढ़ाने के लिए संबंधित विभागों को प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
वर्ष 2024-25 में कर राजस्व से होने वाली आय बढ़कर 20,680 करोड़ रुपये हो गई है। यह वर्ष 2023-24 की तुलना में आय सात प्रतिशत बढ़ी है। एसजीएसटी से 9256 करोड़ रुपये, स्टांप एवं पंजीकरण शुल्क से 2635 करोड़, आबकारी से 4310 करोड़ रुपये, खनन से 1035 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है।
खनन से होने वाली आय में वृद्धि के प्रयास फलीभूत हुए और लक्ष्य से अधिक राजस्व सरकार के खाते में आया है। संसाधन बढ़ाने के प्रयासों के कारण सभी महत्वपूर्ण विभागों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है।
इन विभागों ने निर्धारित वार्षिक लक्ष्य को पार किया अथवा उसके समीप पहुंचने में उन्हें सफलता मिली है। इसके बावजूद कुछ विभाग पिछले कई वर्षों से लक्ष्य के करीब पहुंचना तो दूर, काफी पीछे छूट रहे हैं।
इनमें वन, ऊर्जा और सिंचाई विभाग प्रमुख हैं। वन विभाग के पास प्रदेश में पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन उपलब्ध संसाधनों का न तो बेहतर उपयोग हो पा रहा है, और न ही नई संभावनाओं को खंगालने की इच्छाशक्ति विभागों की ओर से दिखाई जा रही है।
लक्ष्य से 136 करोड़ पीछे छूट गया वन विभाग इसी माह के प्रथम पखवाड़े में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन, ऊर्जा और जलकर से राजस्व बढ़ाने के लिए नियमित समीक्षा करने के निर्देश दे चुके हैं, ताकि बजट लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके।
वर्ष 2024-25 में वन विभाग के लिए राजस्व लक्ष्य 710 करोड़ रुपये रखा गया था। इसमें से 574 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। इसी प्रकार ऊर्जा विभाग के लिए कर राजस्व में 550 करोड़ रुपये और करेत्तर राजस्व में 751 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था।
इसमें से कर राजस्व 365 करोड़ मिल सका, जबकि करेत्तर राजस्व 200 करोड़ को भी पार नहीं कर पाया। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि वन, ऊर्जा और जलकर से राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संबंधित विभागों से कार्ययोजना मांगी गई है।